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06/09/1981 Pooja, Prediction

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Lo Shu Grid Numerology Calculator  Chinese Numerology by Birth Date 06/09/1981 Pooja  Know your strong and weak areas of life This Lo Shu numerology grid calculator can show the reading of numbers and impact of missing numbers. You can get Lo Shu Grid numerology PDF also. You can get detailed predictions of Lo Shu grid numerology by date of birth only. You can better grasp your potential by learning about the eight planes of the Lo Shu Grid and what they represent The five elements and mainly the eight directions in Loshu numerology have special significance. This magic square has digits from 1 to 9, which have a fixed element, direction and planet. They have authority over certain colors and body parts. Moreover, every Moreover, every digit has its own merit and defects. Although Chinese numerology is somewhat different from Cheiro or Chaldean numerology, but some basic qualities remain the same. A Lo Shu grid is also known as Feng Shui numerology. Lo Shu Grid Report Based on...

अंक ज्योतिष में KUA अंक क्या है? इसकी गणना कैसे करें?

अंक ज्योतिष में KUA अंक क्या है? इसकी गणना कैसे करें? क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि आपके जीवन को किसी तरह से संतुलित करने की ज़रूरत है? या क्या आपने कभी सोचा है कि सैकड़ों पीढ़ियों पहले इस्तेमाल की जाने वाली ये प्राचीन प्रथाएँ आज भी हमें प्रभावित करती हैं?  यदि हां, तो संभवतः अंक ज्योतिष में ये कुआ अंक आपको बहुत रुचिकर लगेंगे! यह अनोखी संख्या प्राचीन ज्ञान से जुड़ी है और व्यक्ति के आत्म-ज्ञान के साथ-साथ व्यापक ब्रह्मांड की समझ भी प्रदान करती है।  तो आइये हम कुआ संख्या की अवधारणा और उनके महत्व के साथ-साथ उन्हें खोजने के तरीकों पर भी गौर करें! कुआ नंबर क्या है? कुआ अंक अंक ज्योतिष का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आपके जन्म वर्ष से आता है और आपके व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, करियर और रिश्तों को समझने में आपकी मदद करता है। प्रत्येक कुआ अंक विशिष्ट दिशाओं, तत्वों और ऊर्जा के प्रकारों से जुड़ा होता है। इससे आपको यह जानने में मदद मिलती है कि आपकी व्यक्तिगत ऊर्जा आपके आस-पास की दुनिया के साथ कैसे बातचीत करती है। यह क्यों मायने रखती है आपको अपने जन्म वर्ष के अंक की परवाह क्यों करनी चाहिए? ...
यह एक बहुत गहन और ज़रूरी प्रश्न है: “क्या प्राचीन भारतीय (संस्कृत आधारित) युग-गणना और आधुनिक विज्ञान में कोई साम्य है?” इसका उत्तर है – हाँ, कई स्तरों पर गहरा साम्य है। अब हम इसे क्रमिक रूप से समझते हैं: 🟨 I. वैदिक युग गणना का सारांश (संक्षेप में) भारतीय गणना में समय को चक्रवृत्ति (cyclical time) के रूप में माना गया है। इसमें: युग वर्षों की अवधि (देवताओं के वर्ष अनुसार) मानव वर्षों में (प्रत्येक युग + संधि) सतयुग 4,000 + 400 + 400 = 4,800 17,28,000 वर्ष त्रेतायुग 3,000 + 300 + 300 = 3,600 12,96,000 वर्ष द्वापरयुग 2,000 + 200 + 200 = 2,400 8,64,000 वर्ष कलियुग 1,000 + 100 + 100 = 1,200 4,32,000 वर्ष ➡️ एक चतुर्युग = 43,20,000 वर्ष ➡️ 71 चतुर्युग = 1 मन्वंतर = 30,67,20,000 वर्ष ➡️ 14 मन्वंतर + संधि = 1 कल्प ≈ 4.32 अरब वर्ष 🟨 II. आधुनिक विज्ञान की कालगणना से तुलना (Scientific Timeframes) विज्ञान की धारणा अवधि मिलान 🌍 पृथ्वी की उम्र ~4.54 अरब वर्ष ≈ 1 कल्प (4.32 अरब वर्ष) 🌞 सूर्य का जीवन चक्र ~10 अरब वर्ष ब्रह्मा का एक दिन ...